उठे जाते हैं दीदा-वर सभी आहिस्ता आहिस्ता By Sher << ऐ ख़ाक-ए-वतन अब तो वफ़ाओं... लोग न जाने कैसी कैसी बाते... >> उठे जाते हैं दीदा-वर सभी आहिस्ता आहिस्ता ये दुनिया मो'तबर लोगों से ख़ाली होती जाती है Share on: