वफ़ा की प्यार की ग़म की कहानियाँ लिख कर By Sher << याद-ए-माज़ी की पुर-असरार ... तिरी निगाह मुदावा न बन सक... >> वफ़ा की प्यार की ग़म की कहानियाँ लिख कर सहर के हाथ में दिल की किताब देता हूँ Share on: