वही आँखों में और आँखों से पोशीदा भी रहता है By Sher << ये सोच कर कि तिरा इंतिज़ा... कहाँ इतनी ख़बर उम्र-ए-मोह... >> वही आँखों में और आँखों से पोशीदा भी रहता है मिरी यादों में इक भूला हुआ चेहरा भी रहता है Share on: