ये सोच कर कि तिरा इंतिज़ार लाज़िम है By Sher << पिला मय आश्कारा हम को किस... वही आँखों में और आँखों से... >> ये सोच कर कि तिरा इंतिज़ार लाज़िम है तमाम उम्र घड़ी की तरफ़ नहीं देखा Share on: