वही गुलशन है लेकिन वक़्त की पर्वाज़ तो देखो By Sher << शिकवा-ए-हिज्र पे सर काट क... कोई नया मकीन नहीं आया तो ... >> वही गुलशन है लेकिन वक़्त की पर्वाज़ तो देखो कोई ताइर नहीं पिछले बरस के आशियानों में Share on: