वैसे तो ईमान है मेरा उन बाँहों की गुंजाइश पर By Sher << सामने दीवार पर कुछ दाग़ थ... इस क़दर था खटमलों का चारप... >> वैसे तो ईमान है मेरा उन बाँहों की गुंजाइश पर देखना ये है उस कश्ती में कितना दरिया आ जाता है Share on: