सामने दीवार पर कुछ दाग़ थे By Sher << शब-ए-हिज्र थी और मैं रो र... वैसे तो ईमान है मेरा उन ब... >> सामने दीवार पर कुछ दाग़ थे ग़ौर से देखा तो चेहरे हो गए Share on: