वक़्त इक ज़र्ब लगाए तो ग़ज़ल होती है By Sher << आशियाँ जल गया गुल्सिताँ ल... तिरी दुनिया में रह कर क्य... >> वक़्त इक ज़र्ब लगाए तो ग़ज़ल होती है दर्द अगर दिल में समाए तो ग़ज़ल होती है Share on: