वक़्त के क़द्र-दाँ की नज़रों में By Sher << शाइरी पेट की ख़ातिर '... रक़ीबान-ए-सियह-रू शहर-ए-द... >> वक़्त के क़द्र-दाँ की नज़रों में ज़िंदगी मुख़्तसर नहीं होती Share on: