वो अपने दामन-ए-पारा पे भी निगाह करे By Sher << यारब मिरे गुनाह क्या और ए... उधर वो अहद-ओ-पैमान-ए-वफ़ा... >> वो अपने दामन-ए-पारा पे भी निगाह करे जहाँ में मुझ पे उठा कर जो उँगलियाँ गुज़रे Share on: