उधर वो अहद-ओ-पैमान-ए-वफ़ा की बात करते हैं By Sher << वो अपने दामन-ए-पारा पे भी... तवाफ़-ए-माह करना और ख़ला ... >> उधर वो अहद-ओ-पैमान-ए-वफ़ा की बात करते हैं इधर मश्क़-ए-सितम भी तर्क फ़रमाया नहीं जाता Share on: