वो अर्ज़-ए-ग़म पे मिरी उन का एहतिमाम-ए-सुकूत By Sher << हवा का रंग नहीं है मगर मि... सदा-बहार हो तुम और मेरी क... >> वो अर्ज़-ए-ग़म पे मिरी उन का एहतिमाम-ए-सुकूत तमाम शोरिश-ए-तफ़्सील-ए-वाक़िआत गई Share on: