वो और होंगे पी के जो सरशार हो गए By Sher << सुना है धूप को घर लौटने क... सैलाब से आँखों के रहते है... >> वो और होंगे पी के जो सरशार हो गए हर जाम से हमें तो नई तिश्नगी मिली Share on: