वो चराग़-ए-ज़ीस्त बन कर राह में जलता रहा By Sher << मैं ने चाहा था कि लफ़्ज़ो... 'बेख़ुद' ज़रूर रा... >> वो चराग़-ए-ज़ीस्त बन कर राह में जलता रहा हाथ में वो हाथ ले कर उम्र भर चलता रहा Share on: