वो दिल से कम ज़बाँ ही से ज़ियादा बात करता था By Sher << ख़ून-ए-उश्शाक़ है मआनी मे... ताज़ीर-ए-जुर्म-ए-इश्क़ है... >> वो दिल से कम ज़बाँ ही से ज़ियादा बात करता था जभी उस के यहाँ गहराई कम वुसअत ज़ियादा थी Share on: