वो हम नहीं थे तो फिर कौन था सर-ए-बाज़ार By Sher << ख़मोशी दिल को है फ़ुर्क़त... तुझे मनाऊँ कि अपनी अना की... >> वो हम नहीं थे तो फिर कौन था सर-ए-बाज़ार जो कह रहा था कि बिकना हमें गवारा नहीं Share on: