वो जब चले तो क़यामत बपा थी चारों तरफ़ By Sher << वो जाते हैं आती है क़यामत... वो दिन गए कि 'दाग़... >> वो जब चले तो क़यामत बपा थी चारों तरफ़ ठहर गए तो ज़माने को इंक़लाब न था Share on: