वो जोबन बहुत सर उठाए हुए हैं By Sher << कुछ तज़किरा-ए-हुस्न से रौ... ज़ख़्मों को रफ़ू कर लें द... >> वो जोबन बहुत सर उठाए हुए हैं बहुत तंग बंद-ए-क़बा है किसी का Share on: