वो लोग मुतमइन हैं कि पत्थर हैं उन के पास By Sher << 'शुजा' वो ख़ैरियत... गर्मी में तेरे कूचा-नशीनो... >> वो लोग मुतमइन हैं कि पत्थर हैं उन के पास हम ख़ुश कि हम ने आईना-ख़ाने बनाए हैं Share on: