वो भी दिन था कि तिरे आने का पैग़ाम आया By Sher << ये अक्स-ए-आब है या इस का ... रात दिन फिर रहा हूँ गलियो... >> वो भी दिन था कि तिरे आने का पैग़ाम आया तब मिरे घर में क़दम बाद-ए-सबा ने रक्खा Share on: