रात दिन फिर रहा हूँ गलियों में By Sher << वो भी दिन था कि तिरे आने ... नफ़स नफ़स हो सबा की तरह ब... >> रात दिन फिर रहा हूँ गलियों में मेरा इक शख़्स खो गया है यहाँ Share on: