वो चाँदनी में फिरते हैं घर घर ये शोर है By Sher << या-रब ज़माना मुझ को मिटात... कुछ इस क़दर नहीं सफ़र-ए-ह... >> वो चाँदनी में फिरते हैं घर घर ये शोर है निकला है आफ़्ताब शब-ए-माहताब में Share on: