वो खड़ा है एक बाब-ए-इल्म की दहलीज़ पर By Sher << सात संदूक़ों में भर कर दफ... साँस लेती है वो ज़मीन ... >> वो खड़ा है एक बाब-ए-इल्म की दहलीज़ पर मैं ये कहता हूँ उसे इस ख़ौफ़ में दाख़िल न हो Share on: