वो तिफ़्ल-ए-नुसैरी आए शायद By Sher << उड़ गए सारे परिंदे मौसमों... कुछ परिंदों को तो बस दो च... >> वो तिफ़्ल-ए-नुसैरी आए शायद क़स्में दूँ मुर्तज़ा-अली की Share on: