याद उस बुत की नमाज़ों में जो आई मुझ को By Sher << दिल और सियह हो गए माह-ए-र... तहज़ीब के लिबास उतर जाएँग... >> याद उस बुत की नमाज़ों में जो आई मुझ को तपिश-ए-शौक़ से हर बार में बैठा उट्ठा Share on: