यारों के इख़्लास से पहले दिल का मिरे ये हाल न था By Sher << अभी बहार ने सीखी कहाँ है ... याद-ए-माज़ी अज़ाब है या-र... >> यारों के इख़्लास से पहले दिल का मिरे ये हाल न था अब वो चकनाचूर पड़ा है जिस शीशे में बाल न था Share on: