यहीं पर ख़त्म होनी चाहिए थी एक दुनिया By Sher << खिड़कियाँ खोल लूँ हर शाम ... ज़िंदगी के वो किसी मोड़ प... >> यहीं पर ख़त्म होनी चाहिए थी एक दुनिया यहीं से बात का आग़ाज़ होना चाहिए था Share on: