ये भी रहा है कूचा-ए-जानाँ में अपना रंग By Sher << ये मस्ख़रों को वज़ीफ़े यू... ये और बात कि आँधी हमारे ब... >> ये भी रहा है कूचा-ए-जानाँ में अपना रंग आहट हुई तो चाँद दरीचे में आ गया Share on: