ये भीगी रात ये ठंडा समाँ ये कैफ़-ए-बहार By Sher << क्यूँ लोगों से मेहर-ओ-वफ़... लिखने को लिख रहे हैं ग़ज़... >> ये भीगी रात ये ठंडा समाँ ये कैफ़-ए-बहार ये कोई वक़्त है पहलू से उठ के जाने का Share on: