ये दलील-ए-ख़ुश-दिली है मिरे वास्ते नहीं है By Sher << एक कमी थी ताज-महल में ज़िंदा रहने के तक़ाज़ों न... >> ये दलील-ए-ख़ुश-दिली है मिरे वास्ते नहीं है वो दहन कि है शगुफ़्ता वो जबीं कि है कुशादा Share on: