ये दुनिया अकबर ज़ुल्मों की हम मजबूरी की अनारकली By Sher << ये इंतिज़ार नहीं शम्अ है ... उन्हें ये ज़ोम कि बे-सूद ... >> ये दुनिया अकबर ज़ुल्मों की हम मजबूरी की अनारकली हम दीवारों के बीच में हैं हम नरग़ा-ए-जब्र-ओ-जलाल में हैं Share on: