ये इंतिज़ार नहीं शम्अ है रिफ़ाक़त की By Sher << ये किस को याद किया रूह की... ये दुनिया अकबर ज़ुल्मों क... >> ये इंतिज़ार नहीं शम्अ है रिफ़ाक़त की इस इंतिज़ार से तन्हाई ख़ूब-सूरत है Share on: