ये हक़ीक़त है कि अहबाब को हम By Sher << ये सुब्ह की सफ़ेदियाँ ये ... ये आप हम तो बोझ हैं ज़मीन... >> ये हक़ीक़त है कि अहबाब को हम याद ही कब थे जो अब याद नहीं Share on: