ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं By Sher << कुछ टूटे फटे सीने को साथ ... वो दिल में आ के निकलते नह... >> ये हम जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं कभी सबा को कभी नामा-बर को देखते हैं Share on: