ये हमारी आप की दूरियाँ ये कभी कभी की हुज़ूरियाँ By Sher << ये कैसा माजरा है हर मुसव्... सुनते सुनते उन्हें नींद आ... >> ये हमारी आप की दूरियाँ ये कभी कभी की हुज़ूरियाँ हैं अजब तरह की लगावटें रह-ओ-रस्म-ए-दूर-ओ-दराज़ में Share on: