ये हुस्न-ए-दिल-फ़रेब ये आलम शबाब का By Sher << हमारे साँस भी ले कर न बच ... अपनी कश्ती सर पे रख कर चल... >> ये हुस्न-ए-दिल-फ़रेब ये आलम शबाब का गोया छलक रहा है पियाला शराब का Share on: