ये ज़िल्लत-ए-इश्क़ तेरे हाथों By Sher << गर मज़ा चाहो तो कतरो दिल ... या वो थे ख़फ़ा हम से या ह... >> ये ज़िल्लत-ए-इश्क़ तेरे हाथों ऐ दोस्त तुझे कहाँ छुपा लें Share on: