ये ज़ुल्फ़-ए-यार भी क्या बिजलियों का झुरमुट है By Sher << अपने दिल को तिरी आँखों पे... शहर में गलियों गलियों जिस... >> ये ज़ुल्फ़-ए-यार भी क्या बिजलियों का झुरमुट है ख़ुदाया ख़ैर हो अब मेरे आशियाने की Share on: