ये जो हम तख़्लीक़-ए-जहान-ए-नौ में लगे हैं पागल हैं By Sher << ख़मोश रहने की आदत भी मार ... ये जो दुनिया है इसे इतनी ... >> ये जो हम तख़्लीक़-ए-जहान-ए-नौ में लगे हैं पागल हैं दूर से हम को देखने वाले हाथ बटा हम लोगों का Share on: