ये कैसी बहार-ए-चमन आई कि चमन में By Sher << कल शब-ए-वस्ल में क्या जल्... ज़ाहिदा ज़ोहद-ओ-रियाज़त ह... >> ये कैसी बहार-ए-चमन आई कि चमन में वीराना ही वीराना है ता-हद्द-ए-नज़र आज Share on: