ये क्या कि फ़क़त अपनी ही तस्वीर बनाओ By Sher << दिलबरों के शहर में बेगानग... ज़रा दरिया की तह तक तो पह... >> ये क्या कि फ़क़त अपनी ही तस्वीर बनाओ ऐ नक़्श-गरो वुसअत-ए-फ़न कुछ तो दिखाओ Share on: