ये मैं था या मिरे अंदर का ख़ौफ़ था जिस ने By Sher << ये अपने दिल की लगी को बुझ... फूल थे रंग थे लम्हों की स... >> ये मैं था या मिरे अंदर का ख़ौफ़ था जिस ने तमाम उम्र दी तन्हाई की सज़ा मुझ को Share on: