ये माना ज़िंदगी है चार दिन की By Sher << गर देखिए तो आईना-ए-क़द-नु... वो ख़लिश जिस से था हंगामा... >> ये माना ज़िंदगी है चार दिन की बहुत होते हैं यारो चार दिन भी Share on: