ये मस्लक अपना अपना है ये फ़ितरत अपनी अपनी है By Sher << मेहर-ओ-वफ़ा ख़ुलूस-ए-तमन्... कमर बाँधे हुए चलने को याँ... >> ये मस्लक अपना अपना है ये फ़ितरत अपनी अपनी है जलाओ आशियाँ तुम हम करेंगे आशियाँ पैदा Share on: