ये मय-कदा है यहाँ हैं गुनाह जाम-ब-दस्त By Sher << सिवाए ख़ाक के बाक़ी असर न... किसी की मेहरबानी से मोहब्... >> ये मय-कदा है यहाँ हैं गुनाह जाम-ब-दस्त वो मदरसा है वो मस्जिद वहाँ मिलेगा सवाब Share on: