ये मेरी तीरा-नसीबी ये सादगी ये फ़रेब By Sher << मोहब्बत नेक-ओ-बद को सोचने... पहली बार वो ख़त लिक्खा था >> ये मेरी तीरा-नसीबी ये सादगी ये फ़रेब गिरी जो बर्क़ मैं समझा चराग़-ए-ख़ाना मिला Share on: