ये रंग-ओ-कैफ़ कहाँ था शबाब से पहले By Sher << ज़ुल्म सहते रहे शुक्र करत... यही हैं यादगार-ए-ग़ुंचा-ओ... >> ये रंग-ओ-कैफ़ कहाँ था शबाब से पहले नज़र कुछ और थी मौज-ए-शराब से पहले Share on: