ये रोज़ ढूँढ लाए है इक ख़ूब-रू नया By Sher << ये ज़माना वो है जिस में ह... ये क्या सुलूक किया तू ने ... >> ये रोज़ ढूँढ लाए है इक ख़ूब-रू नया शाकी हैं अपने ही दिल-ए-आफ़त-तलब से हम Share on: