ये वस्ल की रुत है कि जुदाई का है मौसम By Sher << पाया न कुछ ख़ला के सिवा अ... ये जो रातों को मुझे ख़्वा... >> ये वस्ल की रुत है कि जुदाई का है मौसम ये गुलशन-ए-दिल है कि बयाबान कहीं का Share on: