ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक By Sher << सवाल ये है कि आपस में हम ... रात को रात ही इस बार कहा ... >> ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक न लो इंतिक़ाम मुझ से मिरे साथ साथ चल के your feet are tender, delicate, harsh are the paths of constancy on me your vengeance do not wreak, by thus giving me company Share on: